शिक्षक समाज का सृजनकार . . . सभी गुरुओं को समर्पित शिक्षक समाज का सृजनकार हैं, जो है मुझमें ,उनका अपकार है। सच कहूँ उड़ती हू...
भईया के नाम . . . मैं यहाँ हूँ, किंतु प्राणों का तार समर्पित है, भईया के नाम! मैं रहूँ ना रहूं, मेरा प्यार समर्पित है, भईया के नाम...
सूरज की एक किरण तिमिर मे खो गयी, कल भारत माँ की एक होनहार बेटी सो गयी। पढ़े - कपड़े से दुपट्टा गुमनाम हो गया . . . नाम '...
कभी सिर पर पड़ा था यह, कभी तन पर अड़ा था यह बहते लहू को देख कर, सबसे पहले बढ़ा था यह फिर इससे ऐसा क्या गुनाह हो गया, दुपट्टा क्...