कहानी किस्मत की . . .

कहानी जीवन की मैं
सुनाऊ किसी को कैसे। 
सफर जिंदगी का मेरा
कभी आसान नहीं रहा। 
जब भी आये सुकून के  
दिन मेरे जीवन में।
 
तब साथ में आई कोई
नई परेशानी जीवन में।। 
करेगा कब तक संघर्ष 
अकेला इंसान जीवन में। 
अलग अलग किस्मते 
होती है इंसानो की।
 
किसी को स्वर्ग तो 
किसी को नरक मिलता है।
ये मानव जीवन भी तो
नसीब वालो को मिलता है।। 
यही बात सोचकर मैं
संधर्ष करता रहता हूँ।

और अपने नसीब को
कभी भी कोसता नहीं। 
मिला है जो कुछ भी 
उसी में खुश रहता हूँ। 
और परिश्रम से मैं 
अपनी किस्मत लिखता हूँ।।

Sanjay Jain

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk