मजदूर दिवस . . .


देश की प्रगति में श्रमिकों
का बड़ा हाथ होता है।
तभी देश की रीड
इनको कहा जाता है।

बिना मजदूरों के कोई भी
कुछ कर नहीं सकता है।
इसलिए तो इन्हें मिलो का
भगवान भी कहा जाता है।।

मजदूर की मेहनत से ही
कारोवार फल फूल रहे हैं।
मेहनत श्रमिको की होती है
तिजोरी भरती है मालिक की।

दिनरात पसीना बहाकर
दो वक्त की रोटी खाता है।
और उसका हक भी यारों
मिल मालिक खा जाते हैं।।

मजदूरो का जीवन
इसी तरह से चलता हैं।
मेहनत मजदूर करता है
और यश मालिक करता है।

उद्यमियों की मिलो का चलना
मजदूरो पर निर्भर करता हैं।
तपता भट्टो में श्रमिक है पर
सोना मालिक को मिलता है।।

श्रमिक जिये या मरे इससे
उद्यमियों को फरक नहीं पड़ता।
उसे तो पैसे कमाने से
ही मतलब होता है।

क्योंकि श्रमिक उसके लिए
चलती फिरती मशीन होता है।
जिसके बिना उद्यमियों का
जीवन अधूरा होता है।।

श्रमिकों के बिना देश का
विकास हो सकता नहीं।
देश का आधार स्तंभ भी
मजदूर ही होते हैं।

जिसके कारण ही देश
आत्म निर्भर बनता है।
इसलिए तो देश की रीड
मजदूरों को कहा जाता हैं।।

Sanjay Jain

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