*अपनी चाहतों को हम कभी बेशुमार नहीं करते,*
 सियासत के प्यादो का हम ऐतबार नही करते।


 *सच है हम अमन पसंद इंसान हैं,*
 फरेब देकर किसी को इतना लाचार नहीं करते।


 *गोलिया सीने पे खाते हैं हम पीठ पे नही,*
मुल्क के दुश्मनों से हम जरा भी प्यार नही करते।


 *सिकन्दर बनके जिए हम ऐसा मुमकिन नही,*
हम पौरस को कभी शर्मसार नही करते।


 *वतन परस्ती मेरी रूह के ज़र्रे-जर्रे में है,*
 मुल्क से गद्दारी कभी सरदार नही करते।


 *एक-एक कतरा ख़ून का वतन के नाम है,*
नस्लो में पैदा अपनी हम गद्दार नही करते।


 *वो ज़हरीली सियासत के सांप-नेवले है शाहरुख़,*
 वतन के इन दुश्मनों से हम प्यार नही करते।

*शाहरुख मोईन*
अररिया बिहार
9534848402

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