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कुछ अन्तर्मन में टीस मारे तो कह देना तुम मुझसे,, कुछ गलत हो तुम्हारे साथ ,अकेले न सहना तुम। कभी टूट जाओ भीतर से तो आवाज दे देना तुम। गहन निराशा ,घोर अवसाद में मुझे हमदर्द समझना तुम।
जीवन के हर सुख दुःख को मुझसे कह देना तुम। अपने भीतर ही सिमट कर मौन मूक न रह जाना तुम। जिंदगी से बड़ा कोई दुःख नहीं ,समझ जाना तुम। बस,,एक बार मन की हालत बया तो कर जाना तुम।
पलायन वादी बन न जीवन से मुँह मोड़ लेना तुम। असफलता ओ संघर्ष को सहज बन स्वीकारना तुम। जीवन की जंग में बुलन्द इरादों के धनी बन जाना तुम। कुछ कदम उठाने से पहले सिर्फ एक बार मुझसे बात करना तुम।
बात करने से ही बात बनती है ,बात साझा करना तुम। हर मुश्किल का हल है ये जान निर्णय लेना तुम। जिंदगी के हर मोड़ पर मन की बात अभिव्यक्त कर लेना तुम। अपनों को दिल की हर बात बता मन हल्का कर लेना तुम।
आत्महत्या की नौबत आने से पहले परिवार को पुकारना तुम। हर शर्म ,हर संकोच से परे खुलकर मन के दर्द को बताना तुम। घर ,परिवार ,समाज ,देश को ,,धक्का न पहुंचाना तुम। देखो,,खुद की जान लेने की कभी भी मत सोचना तुम।
काल के उस विकराल पल के तनाव को सह जाना तुम। क्षणिक आवेश में आकर आत्मघाती विचार त्यागना तुम। अवगुंठन में दबी निराशाओं को अपनों से कहना तुम। देखो,,जिंदगी की जंग में खुद को कभी अकेला न समझना तुम।
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