नरसंहार की लोमहर्षक घटना है।
जलियांवाला बाग में निंदनीय है।

जिंदगी को खेल समझा  ,गलत हैं।
जनरल डायर का अत्याचार  ये हैं।

मानवता का हनन हुआ यहाँ।
बिना अपराध हत्याकांड यहाँ

इंसानियत हुई शर्मसार यहाँ।
भारतीयों को समझा पशु यहाँ।

धुँआ धार गोलियां चलाई यहाँ।
बच्चों ,बूढो पर हुआ रहम न यहाँ।

जलियांवाला बाग में एकत्र यहाँ।
हजारों लोग स्वतंत्रता हेतु यहाँ।

विरोध किया बस अनीति का।
अंग्रेजों के अत्याचार,जुल्म का।

क्या गुनाह हो गया हक माँगने का
यह तरीका उचित नहीं दमन का।

सभ्य  तरीके को त्याग हिंसा की।
सैकडों लोगों  की हत्या की।

बच्चे  ,बूढो  में फैली छाया डर की।
भगदड़ मची जान बचाने खुद की।

महिलाएँ कूदी कुओं में बच्चों संग।
खून की होली खेली गई उनके संग

चीखपुकार मची रुदन ,विलाप संग
छिन्न भिन्न हुए लोग हुए अंग भंग।

कंकाल ओ हड्डियां मिली सैकडों ।
इतिहास में ये घटना गूंजी बरसों।'

सर्वत्र निंदा हुई इस पर बरसों।
अंग्रेजी अत्याचार छाया बरसों।

आज उन्हीं को श्रद्धांजलि देते हैं।
मृतकों की आत्मा  शांति माँगते हैं।

गुलाम भारत की विडंबना  जाने हैं
शहीदो की शहादत माने हम हैं


ओ भारत ,हम याद रखेंगे सर्वदा।
उन बलिदानियों की कहानी सर्वदा

आज के प्रसंग में  ये  सीख हैं सदा।
देश भक्ति  दिखानी तुमको  सर्वदा

शत शत नमन उन शहीदों को।
अभिनन्दन उन मृतकों को।

जिन्होंने प्राण  दिए मात्र भूमि को।
अमर बन गए जो युग युग को।

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