बड़े सरल बड़े ही भले है।
भोले ,सीधे मेरे गांव के लोग।
जिंदगी को बेहतरी से जीते।
धरती से जुड़े मेरे गाँव के लोग।
छल ,कपट ओ बेईमानी से परे।
ईमानदारी से जीते मेरे गाँव के लोग
भूमि पुत्र कहलाते अन्नदाता बनते।
वसुधा को उपजाते मेरे गाँवके लोग
पुरातन जीवन मूल्य निभाते
परम्पराके वाहक मेरे गाँव के लोग।
शहरी जीवन की भागा दौड़ी से दूर
सुकून शांति प्रिय मेरे गाँव के लोग।
भौतिक संस्कृति ,दिखावे से दूर।
सादा जीवनबितातेमेरे गाँवके लोग
पाप कलुषता से दूर पावन हैं लोग।
धर्म ,नियम से जीतेमेरे गाँवके लोग
महानगरीय आपाधापी सेदूर रहते
नियम से जीते मेरे गाँव के लोग।
मंदिर ,शंख,पूजन आरती करते ।
आध्यात्मिक होते मेरे गाँव के लोग
प्रकृति की गोद में रहते,विचरते
जमीनी जुड़ाव के मेरे गाँव के लोग
नील वितान केआँचल तले जीते।
हरीतिमा विकसाते मेरे गाँवकेलोग
घर घर के सुख दुःख की खबर रखें
सब घर प्रेम फैलाते मेरे गाँवकेलोग
भारत की आन बान शान ये लोग
भारत को पूर्ण करते मेरेगाँवकेलोग
बड़े सरल बड़े ही भले है।