नामका उनसे बस अब रिश्ता रहा,
प्यार इतना किया फिर तरसता रहा,
जिंदगी में वो आके बहार ले गए,
आंख से लहू उम्र भर बरसता रहा,
दूसरो पर प्यार वो लुटाते रहे,
एक नज़र के लिए मै तड़पता रहा,
मेले में देखकर खिलौना बच्चे का,
एक सिपाही घर को याद करता रहा,
मिलेगा जाने कब वो अपने लाल से,
दूसरे बच्चे को देख दिल भरता रहा,
मैंने देखी जब उसकी आंखो में नमी,
शर्म से तबसे मै हा मरता रहा,

Arun Kumar Mishra

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