रोशनी है जहां मैं वहाँ नहीं हूं।
जिंदगी है जहाँ मैं वहाँ नहीं हूं।
इनाम ,वाहवाही है जहाँ मैं वहाँ नहीं हूं।
चाँदनी है जहाँ मैं वहाँ नहीं हूं।
तिश्नगी है जहाँ मैं बस वही हूं।
जुस्तजू है जहाँ मैं बस वही हूँ।
अनकही है जो मैं बस वही हूं।
अनचाहा हैं जहां मैं बस वही हूँ।
शाबासी हैं जहाँ मैं वहाँ नही हूँ।
हुनर बाजी है जहाँ मैं बस वही हूँ।
तेरी नज़र जाती जहाँ मैं वहाँ नहीं हूँ।
तुझको पूजते जहाँ मैं बस वहीं हूँ।
हुस्न की आब है जहाँ मैं वहाँ नहीं हूँ।
इल्म ओ हुनर है जहां मैं बस वही है।
Neelam Vyas