रंग हैं हो जीवन है ,रंग बिन जीवन सूना।
लाल ,पीला ,नीला ,हरा भरे जीवन मे सफीना।

हर रंग हर रूप में भरे  अर्थ अनेक।
हर अर्थ को समझ लो ले विवेक।

प्रेम का रंग तन मन को रंग देता ।
ममता का रंग माँ को  पूर्ण करता।

इक़ रंग आता तेरे चेहरे पर मुझे देख।
मैं भाव विभोर हो सुध खोई देख।

फल फूल वनस्पति  रंग बिरंगे देख।
प्रकृति की छटा रन बिरंगी आ  देख।

खान पान में रंगों का वैभव मुग्ध करे देख।
परिधानों की रँगीली आभा बिखेरे रूप अनेक।


तेरी आँखों का रंग देख मैं बदली देख।
मेरे जज्बों के रंग से सरोबार  हुआ तू देख।

सृष्टि के आरम्भ से अद्यतन बिखरे रंग अनेक।
उत्थान पतन की जीवन गाथा में भरे रंग अनेक।

तेरे कपोलों की गुलाबी रंगत देख।
नैन धन्य हुए प्रीतम रंग इनक देख।

Neelam Vyas

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