जय माँ कुष्मांडा ,भक्तों को तार दो।
कोरोना को मिटाओ ,धरा को सँवार दो।

सूर्य सी  तेजोदीप्त कोरोना के विषाणु को जला दो।
अष्ट भुजाओं से अपनी संतान को रोग मुक्त करो।

सृष्टा बनी थी कभी धरा की ,आज फिर दया करो।
कोरोना मुक्त धरती को माँ करके नव जीवन दो।

मन की बाती जलाई माँ ,अँसुवन  का घी डाल देह ज्योत जलाओ।
आओ भक्तों सच्चे भाव से माँ की शरण में आ जाओ।

नव रात्र के  चौथे दिन संयम ,नियम ,व्रत पूजन करो।
माँ कुष्मांडा की सभी  भक्तों  मनसा,कर्मणा,वचसा भक्ति करो।

हे माँ कर शस्त्र धारण ,कोरोना का संहार करो।
दुष्ट दलन कर मानव जन का विपद हरो,संकट हरो।

ब्रह्मांड की रचना की आपने, आज स्वस्थ  विश्व का वरदान दो।
आदि स्वरूपा ,आदि शक्ति  कांति ओ प्रभा से हमें देदीप्यमान करो।

सप्त हाथों में कमंडल ,धनुष , बान, कमल पुष्प, अमृत पूर्ण कलश धरो।
चक्र ,गदा,जपमाला से कोरोना को परास्त करो।

आठवें हाथ की जपमाला से भक्तों को जप  की महिमा समझाओ।
सिद्धियों निधियों को देने वाली माता हम भक्तों को स्वस्थ करो।

सिंह सवारी कर आओ माता ,नीलम की अर्ज सुनो।
हम बच्चों को दुःख ,गरीबी,कोरोना से मुक्त कर उद्धार करो।

तेरी भक्ति में माता निस भजन गीत हम गाएंगे।
तन मन जीवन पावन कर अन्तर्मन की ज्योत जलाएंगे।

ओ भवतारिणी,ओ कष्ट निवारिणी माता,आओ अब रोग हरो।
गलतियों को क्षमा कर माता रोग को  दूर भगाओ।

कोरोना से मुक्त करो माँ, वादा पाप कर्म से दूर रह  जीवन जिएंगे।
आचार व्यवहार  शुद्ध कर जीवन शुभ कर्मों वाला बनायेगे।

न करेंगे हिंसा कभी,मानव मात्र का कल्याण करेंगे।
इस बार कोरोना भगाओ माता ,,वादा जीवन  पवित्र करेंगे।

नव सृष्टि की नव रचना करो माता,कोरोना मुक्त धरती को बनाओ।
 दीन पुकार है माता ,,आओ ,कोरोना मुक्त सृष्टि का निर्माण करो।

आपने सदा किया माता दुष्टों का संहार ,दानव का परित्राण।
आओ माँ, आज फिर रोग मुक्त समाज बना हमें कृतार्थ करो।

कहे पुकार के ओ माता ,,जप ,तप ,नियम ,धर्म का प्रसार करो।
पुण्य पावन  धरा बनाओ ,विश्व का रोगों से निवारण करो।

विनती है ,स्तुति है नमन है ,अभिनन्दन है माता।
कमी हमारी अनदेखी कर कोरोना  मुक्त जीवन करो माता।

Neelam Vyas

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