बहुत दिन हो गए
जीभर बात किये।

महामारी में घर मर जाऊ।
या अस्पताल भर्ती हो जाऊं।

आना मत मिलने मुझसे।
हो सके दुआ करना दिल से।

इलाज होकर गर ठीक हो जाऊं।
मुमकिन बीमारी से मैं बच जाऊ।

मगर मुश्किल है मेरा बचना।
अस्पतालों में बेड ,दवाई हो ना।

वेंटिलेटर कम ओ मरीज ज्यादा हो तो।
बचा लेना  मुझसे कम उम्र वाले को।

मैं जी चुकी जिंदगी अपनी।
युवा  की बचा लेना जिंदगी।

मेरी आधी पूँजी बच्चों को देना।
आधी अस्पताल में दान कर देना।

हो सके रोज मेरे नाम का भोजन।
किसी भूखे को करवा देना भोजन

बारहवें दिन तक का दान पुण्य
पशु ओ पंछियों को दाना देना तुम।

मेरे दरवाजे पे आने वाले कुत्ते को रोटी देना।
शाम को आने वाली गौरी गाय को रोटी देना।

गर न मरु बीमारी से तो सलामत घर ले आना तुम।
जिएँगे फिर तो परोपकार करके आजीवन हम तुम।

मौत को करीब देख किया संकल्प देहदान का।
मरने के बाद देह दान ,ये प्रण पूरा कर देना ओ दाता।

Neelam Vyas

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