कभी किसी चीज का मन करे ,तुरन्त खरीद लेनी चाहिए
कभी खाने का मन करे,तुरन्त बना ,खा लेनी चाहिए।
कभी दोस्तों की याद आये तो बात कर लेनी चाहिए।
फिर ये पल हो न हो,कल हम हो न हो,,

ख्वाहिशें पूरी करने को,अरमान मन के मुक्कमल करने को,,
मन  चाहा कुछ भी कर लेने को,ठानी हैं मेरे मन ने,,
क्योंकि,इसी जन्म में ही सब कुछ मन चाहा करना है,,
फिर मनुष्य जन्म मिले न मिले।।

ऐ आज की नारी,तू मत समझौते कर अनचाहे,,
मत दफन कर अरमान अंतर्मन की गुहाओं में,,
जो भी है ,बस यही है,, अभी है फिर ये रौनक,ये शमा,हो न हो
ना टालना  कुछ अपने से पलों को सँजोना,, मस्त रहना,,,नारी

इसी जन्म में क्योंकि सब के साथ साथ हमे खुद का भी सोचना है ,,,
तो ,,रोको न, टोको न अपने मासूम मन को,,
कठोर वर्जनाओं ,बन्धनों,दायरों,,में,,नारी
मुरझा जाती है,,

तो कुछ पल फुर्सत के निकाल लो,जिंदगी को हसीन बना लो,,
मुस्करा। रहा होगा वो रब भी,,,हमारे इस फैसले को सुन कर,,।

To
All
आधुनिक नारी।
स्वरचित

Neelam Vyas

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