आज फिर से वो माह आ गया है।
वो पल आ गया है,वो काली रात आ गई है।

वो बिलखती सामो का गीत आ गया है तिरंगे में लिपटा मित आ गया है।
गुलाब वही था हाथ भी वही थी मगर फुल के जगह हार आ गई है।

फिर से वो सवाल आ गई है।
देखो फिर से वो साल आ गया है।

तिरँगे में लिपटा मेरे देश की शान आ गई है।
एक माँ का अभिमान आ गया है।

एक पत्नी का सिंदूर सो गया है एक सन्तान का पिता खो गया है।
एक पिता का सास थम गई है

और उस घर का उमीद मर गया है।
आज फिर से वो माह आ गया है।

 नॉट:- विनम्र श्रद्धांजलि उन वीरो को जो पुलवामा में  
14 फरवरी 2019 को शहीद हुए थे।🙏🙏🙏 

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