कहानी मोहब्बत की अपनी तुझको भी सुनाऊँगा एक दिन
पहले मुझे दर्द सहने का अंजाम तो देखने दे,

मोहब्बत हुई है नाकाम मेरी
उसकी खुशियों की फरियाद तो करने दे,

दुबारा कर लूंगा मैं भी मोहब्बत
पहले टूटे दिल को आराम से रहने दे,

रोना-धोना बहुत किया है मैंने भी
एहसास दिला दूंगा उनको भी कभी किसी दिलजले से मुलाकात  हो तो सही

सुनाऊँगा महफ़िल में अपनी कहानी
पहले दो घुट शराब तो प्याले में भरने दे

जी रहा हु गमो के साथ
अभी हारा नही लेकिन तड़प तड़प कर मुझे मरने दे।

Ravi Singh

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk