जब दम तोड़ दे तो वो प्यार कैसा?
और जो जनाजे पर ना रो सके तो वो यार कैसा?
तड़पे है मुहब्बते इश्क़ के दर्द भरे उबलते ज्वालो से मगर जले नही तो वो भला माथे पर दाग कैसा?
और जब बिकने लग जाए कौडिओ के भाव तो वो मुहब्बत कैसा?
और जो एक ग़लतफेमी में रिश्ते टूट जाया करते हैं तो वो रिश्ता कैसा?
जिस्म के तलब रखने वाले क्या जाने की मुहब्बत कैसा?
जब दम तोड़ दे तो वो प्यार कैसा?
Radha Mahi Singh
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