साथ था जब न कोई मेरे,
सिर्फ तुम थे मेरे पास ।
सिलसिला ये चला,
साल-दो-साल ।।
पर राहों में अकेला छोड़,
तुम चले कहाँ गये ।
ढ़ूँढ़ा इतना तुम्हें,
पर जाने तुम गुम कहाँ हो गये  ।।
दिल को दिलासा दिया,
आओगे लौटकर ।
पर आते कैसे ,
गये जो थे मुझे छोड़कर ।।
इंतजार में बीत रहे थे ,
ये दिन लगातार ।
और मैं भी जी रही थी ,
लेकर झूठी मुस्कान ।।
पर तेरी यादों ने जगाया ,
और महसूस कराया ।
ना होकर भी,
तुम कितने हो पास ।।
जी लूँगी तेरे बगैर ,
तेरी मीठी यादों के साथ ।
ये जिंदगी एक और बार ,
अगर तुम मिले तो
जीना चाहूँगी ये जिंदगी बार बार ।।

Shital Shree Barnwal

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