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साथ था जब न कोई मेरे, सिर्फ तुम थे मेरे पास । सिलसिला ये चला, साल-दो-साल ।। पर राहों में अकेला छोड़, तुम चले कहाँ गये । ढ़ूँढ़ा इतना तुम्हें, पर जाने तुम गुम कहाँ हो गये ।। दिल को दिलासा दिया, आओगे लौटकर । पर आते कैसे , गये जो थे मुझे छोड़कर ।। इंतजार में बीत रहे थे , ये दिन लगातार । और मैं भी जी रही थी , लेकर झूठी मुस्कान ।। पर तेरी यादों ने जगाया , और महसूस कराया । ना होकर भी, तुम कितने हो पास ।। जी लूँगी तेरे बगैर , तेरी मीठी यादों के साथ । ये जिंदगी एक और बार , अगर तुम मिले तो जीना चाहूँगी ये जिंदगी बार बार ।।
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