हार चुकी हुँ जीने से अब, सोचती हूँ क्या करूँ मैं अब, हार गई हूँ इतनी जिंदगी से कि पूछती हूँ बस इतना खुद से सुनती नह...
साथ था जब न कोई मेरे, सिर्फ तुम थे मेरे पास । सिलसिला ये चला, साल-दो-साल ।। पर राहों में अकेला छोड़, तुम चले कहाँ गये । ढ़ूँ...