*ग़ज़ल*
*हौसलों के सहारे जीत लड़ता कौन है।*
दोस्त हो गए दुश्मन,ऐसे डरता कौन है।।
*हर शख़्स ढूंढें है, ऊंची हवेली का साया।*
अब बुजुर्गों का एहतराम करता कौन है।।
*मैदान ए जंग में मत देख दोस्त दुश्मन।*
ये देख हुकूमत किसकी है मरता कौन है।।
*उसको गुमान है,वो इस दोर का खुदा है।*
मंदिर मस्जिद में इबादत करता कौन है।।
*सियासी कुर्सियों के पैंतरे है सब शाहरुख।*
मुल्क में गरीबों की खातीर लड़का कौन है।।
*शाहरुख मोईन*
अररिया बिहार
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