फिर बलि चढ़ गई देश की बेटी कैसी है यह देश की शान
 बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना चलाती है सरकार
 बेटी बचाओ बोलकर बेटी की बलि चढ़ाती है 
 हवस के भूखे संसार में भेड़िया घूमाती है सरकार
 वो थी मां ,वो ‌थी बेटी, वो थी बहन, वो थी बीवी 
फिर भी क्यों ना बच सकी उसकी जान 
फिर  भी क्यों ना  बच सकी उसकी जान 
फिर बलि चढ़ गई देश की बेटी कैसी है ये देश की शान   वह थी मां का सपना उसका भी है कोई भाई अपना
 वो थी पिता का अभिमान उसकी बहन जो उसे समझती थी अपनी  शान
 जिसके तूने वस्त्र उतारे वो थी दुर्गा का अवतार
 फिर बलि चढ गई देश की बेटी कैसी है यह देश की शान
 आज बनी प्रियंका कल थी असीफा निर्भया को भी बनाया तूने अपने हवस का शिकार
 फिर बलि चढ़ गई देश की बेटी कैसी है यह देश की शान
 याद तो रख हवस के दरिंदे अगर तू फांसी से बच गया लोग कहते हैं अंधा है कानून देश का यह सोच कर  तूने मिटाली अपनी हवस की प्यास
 तेरे घर में भी है मां, बहन ,बेटी जो है तेरे गुनाह की गवाहह दार वह भी दुर्गा का अवतार
 फिर बलि चढ़ी देश की बेटी कैसी है यह देश की शान
Seema dubey (Sanjh)

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