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Hindi
kavita
Yash Jain
ए वतन तेरे रक्षक है हम . . .
Chandrashekhar Poddar
भले ही देश के नकशे बनते हैं लकीरों से,
पर लकीर के हर जगह पर खड़े है हम,
मैं तेरा सैनिक कहता हूं तुझसे,
ए वतन तेरे रक्षक है हम...
ना सोएंगे ना खाएंगे,
वतन की रक्षा के लिए शहीद हो जाएंगे,
कभी तुझे ना झुकने देंगे हम,
ए वतन तेरे रक्षक है हम...
वादा है हर सैनिक का अपने देशवासी से,
किसी को कुछ ना होने देंगे हम,
तुम खुश रहो इसका ख्याल रखेंगे हम,
ए वतन तेरे रक्षक है हम...
भले ही शहीद हो जाए,
पर किसी ना किसी रूप से जुड़े रहेंगे हम,
कभी साथ तेरा ना छोड़ेंगे,
ए वतन तेरे रक्षक है हम...
अच्छा और भी लगेगा
अगर हर देशवासी कहे ,
तेरे सु:ख मैं दु:ख मैं और हर कदम
पर तेरे और तेरे परिवार के साथ है हम,
वादा है मेरा तुझसे,
ए सैनिक तेरे साथ है हम...
Yash Jain
Chandrashekhar Poddar
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