हरिवंशराय बच्चन की बहुत ही सुन्दर पक्ती "कोसिस करने वाले की कभी हार नही होती" से प्रेरित होकर उन्ही को समर्पित मेरे  द्वारा रचित चन्द पंक्ति"एक हार हुई तो क्या हुआ कई जीत अभी भी बाकी  है !"

. . . . . . . . . . . . . . . . . . . . अभिब्यक्ति . . . . . . . . . . . . . . . . . . . .

एक  हार  हुई  तो  क्या  हुआ  कई  जीत  अभी  भी  बाकी  है !
कई  जीत अभी  भी बाकी  है ... कई  जीत अभी  भी बाकी  है ......

लहरो   से  टकराना  , मंजिल  को  पाना 'इंसान  की  फितरत  है ,
कई ख्वाब  अभी  भी  बाकी  है

एक  हार  हुई  तो  क्या  हुआ  कई  जीत  अभी  भी  बाकी  है !
कई  जीत अभी  भी बाकी  है ... कई  जीत अभी  भी बाकी  है ......

ज़िन्दगी  के   मोड़  में  कई   लम्हों   का   आना   लाजीमी   है  ,

इंसान  ही  इंसानियत  को  दबा  बैठा  है
फिरभि  उठना  है  बढ़ना  है  कई  काम   अभी  भी  बाकी  है !

एक  हार  हुई  तो  क्या  हुआ  कई  जीत  अभी  भी  बाकी  है !
कई  जीत अभी  भी बाकी  है ... कई  जीत अभी  भी बाकी  है ......

इस  छोटी  सी   ज़िन्दगी   में  सभी   गम   को   भूल  जाना   है,

नई  ऊमंग   नया  सवेरा   नई   पहचान   बनाना   है
किसी  के   अरमानो   को   पुरा   करना   अभी   बाकी   है !

एक  हार  हुई  तो  क्या  हुआ  कई  जीत  अभी  भी  बाकी  है !
कई  जीत अभी  भी बाकी  है ... कई  जीत अभी  भी बाकी  है ......

दुसरे  से  अपने   को   अलग   करना   इंसान   की  कहानी  है  ,
गिरना , चढ़ना , निरंतर   आगे  बढ़ना  यही   मेरी  जुबानी   है
यह  एक  स्वपन्न   है   ज़िसे   पुरा   करना  अभी   बाकी   है  !

एक  हार  हुई  तो  क्या  हुआ  कई  जीत  अभी  भी  बाकी  है !
कई  जीत अभी  भी बाकी  है ... कई  जीत अभी  भी बाकी  है ......


Mukesh Ojha

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