जुदा हो गयी है ज़ोया मेरी,
तन्हाई भरी जिंदगी में,
कोई हमारा साथ तो निभाओ...

पढ़े - जुल्म क्यों सहती हो तुम . . .
चुरा ले गई है दिल मेरा वो,
कोई मेरे दिल को वापस तो ले आओ...

पढ़े - तेरी यादो के बिस्तर . . .
टूट चूका हूँ बिलकुल मैं अब,
कोई मेरा सहारा तो बन जाओ...

पढ़े - तू नारी है कमजोर नही . . .
चुराया है उसने जो दिल मेरा,
कोई उसपे पंचायत तो बिठाओ...

पढ़े - माँ मुझे बाँहो में . . .
तड़प रहा हूँ जख्म से अब मैं,
उन जख्म के लिए कोई मर्ज तो बताओ...



Shubham Poddar

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk