वक्त बेवक्त हम तुझी को याद करते है
हर पल हम तुझी से प्यार करते हैं

तेरी यादों की सन्दुक अपने दिल के अंदर
हम संजोए रखते हैं

पढ़े - जुल्म क्यों सहती हो तुम . . .

क्या पता इस जिंदगी का
कब ये मौत की ओर मुँह मोड़ ले

इसीलिए हर पल हम तेरे लिए ही जीना पसंद करतें हैं
तेरी यादों के बिस्तर पे हम हर पल मदहोश रहतें हैं

पढ़े - मौत का नज़ारा हमे भी . . .

जब से तू चला गया बहुत हम ख़ामोश रहते है
जिंदगी गुम सी हो गई है

मेरे चैन खो गए है
तेरे न होने से दिल बेचैन हो गया है

Shubham Poddar


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