सगुन की बातें अभी खत्म भी नहीं हुई थी कि सूबा जोरदार धमाके से दहल उठा| समीपस्थ टेकरी से धुँ-धुँ करके आग की लपटें उठने लगी| गोलियों की ठाँय-ठाँय आवाज वादी के हिमखण्ड दरकने लगे| मेजर मोहित सूर्यवंशी फूर्ती से उठ बंदूक उठा लिए| सूबेदार दानिश वजाहत साहब को कह - "आप जल्दी से आला अफ़सरों को वायरलेस से सूचित करके मुझे कवर दें| आज इन काफिर मुजाहिदों का खैर नहीं"|
Tags: Hindi
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