वो जो मुझे छु के गुजरी,
महक उठा है जिस्म मेरा।

पढ़े - इजहार हो न पाया...

दुनियाँ को कहो की अपनी नजरें झुका लें,
क्यों की आज मेरे ईद का चाँद है ज़मीन पे उतरा। 

Shubham Poddar

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