वो रातें न रातें होती,
जिन रातों में तुम न होती।

पढ़े - आए नही तुम . . .

वो बातें न बातें होती,
जिन बातों में तेरी जिक्र न होता।



तुम होती तो रातें होती,
वो रातें भी मादक होती।

पढ़े - इश्क के दहलीज़ पे . . .

तुम होती तो क्या बातें होती,
रातों के बीच मोहब्ब्त की बरसातें होती।

पढ़े - ये बात चीत तो बहाना है . . .

वो रातें कितनी मधुमय होती,
जिस रातों में छिप-छिप तुम मुस्काती होती।



तुम होती तो रातें होती,
दिल से दिल की मुलाकातें होती।

पढ़े - दिल ये हमारा क्यों जलता है . . .

तुम होती तो दिल को सहलाती,
रूठे दिल को बहलाती,

पढ़े - देह मत देना . . .

तुम होती तो रातें होती,
तुम होती तो कुछ बातें होती।

Shubham Poddar

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