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क्या तुम इतने बत्तमीज हो जाओगे,
मेरे सामने किसी और के बाँहों में खो जाओगे।
मोहब्ब्त के बाज़ार में अपनी बेवफाई का यूँ नंगा नाच दिखाओगे,
क्या तुम इतने बत्तमीज हो जसोगे।
वो जो साथ जीने मरने की कस्मे खाए थे,
चाँद तारो की बारात लाने की बाते किया करते थे,
तो क्या तुम वो कस्मे वो वादे यूँ ही भूल जाओगे,
क्या तुम इतने बत्तमीज हो जाओगे।
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