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क्या तुम इतने बत्तमीज हो जाओगे,
मेरे सामने किसी और के बाँहों में खो जाओगे।
मोहब्ब्त के बाज़ार में अपनी बेवफाई का यूँ नंगा नाच दिखाओगे,
क्या तुम इतने बत्तमीज हो जसोगे।

पढ़े  - जुल्म क्यों सहती हो तुम...

जान-जान कहते कहते
यूँ हमारी जान तुम ले लोगे,
क्या तुम इतने बत्तमीज हो जाओगे।

पढ़े  - तेरी यादो के बिस्तर...

हर पल बाबू सोना कहने वाले
आज हमे देख कर यूँ नजरें चुराओगे,
क्या तुम किसी और की वजह से इतने बत्तमीज हो जाओगे।

पढ़े  - मौत का नज़ारा हमे भी...

वो जो साथ जीने मरने की कस्मे खाए थे,
चाँद तारो की बारात लाने की बाते किया करते थे,
तो क्या तुम वो कस्मे वो वादे यूँ ही भूल जाओगे,
क्या तुम इतने बत्तमीज हो जाओगे।

पढ़े  - माँ मुझे बाँहो में...

हमारे जज्बात को यूँ रौन्द कर चले जाओगे,
जिंदगी की सफर में यूँ ही हमे अकेला छोर जाओगे
क्या तुम इतने बत्तमीज हो जाओगे।

Shubham Poddar

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