जूही को बात बात पर कामिनी झिड़क देती !जबकि अपने छोटे तीन साल के बेटे को खूब प्यार करती । जूही सात साल की बच्ची हमेशा सहमी-सहमी रहती ।


उसे लगता उसकी मम्मी भगवान् के पास चली गई और ये नयी मम्मी ही अब उसकी मम्मी है । भूख लगने पर भी खाना नहीं मांगती जूही, वो अब नयी मम्मी को खोना नहीं चाहती थी ।

ज्यादा नखरे भी नहीं करती थी, अलबत्ता पापा जब भी आते जूही को गोद में उठाकर खूब प्यार करते । जब भी पापा पूछते

दीवानगी का सुरूर - 1  ---  दीवानगी का सुरूर - 2  ---दीवानगी का सुरूर - 3

"बेटा नयी मम्मी ख्याल रखती है"
तो वह हाँ में सर हिला देती । चुपचाप होमवर्क करती । स्कूल के लिए भी खुद तैयार होती । छोटे भाई किसन को भी खूब प्यार करती, उसका हमेशा ध्यान रखती ।

दो दिनों से जूही और उसके भाई किसन की परीक्षा चल रही थी । इसलिए कामिनी अपने बेटे को खुद से तैयार करके गोद में बैठाकर खाना खिला रही थी ताकि बेटे के दिमाग में परीक्षा का कोई दवाब न रहे!  

जबकि जूही को प्लेट में खाना देकर फर्श पर रख दिया और जूही ख़ामोशी से खाना खाने लगी थी ,एक नजर किसन पर भी डाल लेती । ये देखकर किसन से रहा नहीं गया ।
इश्क़ मेरा विकलांग नहीं  - 1   -    इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 2   -   इश्क़ मेरा विकलांग नहीं - 3

वो पूछ बैठा
"मम्मी आप जूही दीदी को कभी गोद में क्यों नहीं खिलाती और कभी प्यार भी नहीं करती हो ऐसा क्यों?"
तो कामिनी ने चुपके से जवाब दिया
"बेटा वो तेरी सौतेली बहन है "

"तो क्या हुआ मम्मी अगर मैं भी सौतेला बेटा होता तो क्या आप भी मुझे फर्श पर खाना खिलाती गोद में नहीं"
मासूम सा लहजा, सच्ची और कड़वी बात कामिनी के दिल को बेंध गयी ।

Radha Yshi

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