मेरी दरगाह की अजान तुम हो,
मेरी सफर की मंजिल हो तुम,
मेरी धड़कन की आवाज तुम हो,
मेरी सर की ताज हो तुम,

पढ़े - वो चाँदनी चली गयी
मेरी उड़ान की आसमाँ हो तुम,
मेरी मोहब्ब्त का पहला खुमहार हो तुम,
मेरी डूबते नइयाँ का पतवार तुम हो,
मेरे प्यार का पहला पैगाम हो तुम,

पढ़े - मोहब्ब्त तो आज भी
दिल-ए-नादान का सहारा तुम हो,
बारिष की फुहार हो तुम,
उगते सूरज की लाली हो तुम,
मेरे हर ख़ुशी की वजह तुम हो,

पढ़े - नारी की आवाज
मेरे जीने की वजह हो तुम,
मेरे जीवन की कण-कण में तुम हो।

Shubham Poddar

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