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तेरी मोहब्ब्त ने कुछ इस कदर हमे दिवाना बनाया है, जो कभी दिल की नही सुनती थी, वो आज मैं खुद के ही दिल की गुलाम बन गयी हूँ, न जाने क्यों ये मोहब्ब्त करने कि गुनाह कर गयी हूँ।