ज़ुस्तज़ु साथ निभाने की थी
अपनो से ही तनहाई क्यों मिलीशमा बुझी तो दिल जलाये थेबदले में बेवफाई क्यों मिली
बुलंद सितारों को - Vahshu
 - खामोश रहेने की चाहत नहीनशे में डगमगाने की आदत नहीसिर्फ देखा पैमाना तो रुसवाई क्यों मिलीअरमानो से निकली थी घर से डोली
अधूरी ख्वाहिशें - Vahshu
बेटी कैसी पराई सी होलीबिदाई में सिसकती शहनाई क्यों मिलीसाथ ही सफर में निकले थे दोनोजुदाई की आगमें जलेथे दोनो
तलाश में - Vahshu
ढूंढी नही तो उनकी परछाई क्यो मिलीआंखों में उनकी बसना थातसवीर बनके दिल मे उतारना थागिरे नहीतो समंदर की गहराई क्यो मिली

Vahshu

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