हमने सोच लिया की लिखेंगे रात भर
रोना आएगा तो भी नही रोयेंगे रात भर
पढ़े - क्या इतने बुरे है हम . . .
पर यादो को कहाँ दरकार किसी की
ऐसे आती रही तो कैसे सोयेंगे रात भर

तड़पती रही अगर ऐसे ही निगाहे
सपनो से कैसे गुजरेंगे रात भर
पढ़े - ये दुआ है दिल से . . .
ख्वाब को सोने में आने की आदत है
चेन से सपनो में मिलेंगे रात भर

कोशिश लिखने की करूँगी तो शक है
कलम कागज़ भी साथ छोड़ेंगे रात भर
पढ़े - बाद मिलने के तेरे अनाथ हुए हम . . .
सुबह में पन्ने खुद चले जायेंगे रोते हुए
मेरे बारेमें अगर लिखा तो रोयेंगे  रात भर


Bhoomika

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