Read A Poetry - We are Multilingual Publishing Website, Currently Publishing in Sanskrit, Hindi, English, Gujarati, Bengali, Malayalam, Marathi, Tamil, Telugu, Urdu, Punjabi and Counting . . .
हमने सोच लिया की लिखेंगे रात भर रोना आएगा तो भी नही रोयेंगे रात भर पढ़े - क्या इतने बुरे है हम . . . पर यादो को कहाँ दरकार किसी की ऐसे आती रही तो कैसे सोयेंगे रात भर
तड़पती रही अगर ऐसे ही निगाहे सपनो से कैसे गुजरेंगे रात भर पढ़े - ये दुआ है दिल से . . . ख्वाब को सोने में आने की आदत है चेन से सपनो में मिलेंगे रात भर
कोशिश लिखने की करूँगी तो शक है कलम कागज़ भी साथ छोड़ेंगे रात भर पढ़े - बाद मिलने के तेरे अनाथ हुए हम . . . सुबह में पन्ने खुद चले जायेंगे रोते हुए मेरे बारेमें अगर लिखा तो रोयेंगे रात भर