पाक का सर अब कुचलना चाहिए ।
हिंद का नक्शा बदलना चाहिए ।
दुश्मनों को पल में दो बम से उड़ा ,
हाथ से भी फिर मसलना चाहिए ।
हमले का बदला लो हमले से अभी ,
फिर जनाजा भी निकलना चाहिए ।
मत पहन भारत शराफ़त का चोला ,
गर्म तेलों से भी तलना चाहिए ।
पाक मुर्दाबाद था ,है ,होगा भी ,
हिंद में आक्रोश पलना चाहिए ।
जां लुटाने की हो हसरत हिंद पे ,
दिल को जोरों से मचलना चाहिए ।
ले उठा अपनी कलम को तू "यशी" ,
सुन अदू तुमको सँभलना चाहिए।
पाक का सर अब कुचलना चाहिए ।