पाक का सर अब कुचलना चाहिए । 
हिंद का नक्शा बदलना चाहिए ।

दुश्मनों को पल में दो बम से उड़ा ,
हाथ से भी फिर मसलना चाहिए ।
हमले का बदला लो हमले से अभी ,
फिर जनाजा भी निकलना चाहिए ।

मत पहन भारत शराफ़त का चोला ,
गर्म तेलों से भी तलना चाहिए ।
पाक मुर्दाबाद था ,है ,होगा भी ,
हिंद में आक्रोश पलना चाहिए ।

जां लुटाने की हो हसरत हिंद पे ,
दिल को जोरों से मचलना चाहिए ।
ले उठा अपनी कलम को तू "यशी" ,
सुन अदू तुमको सँभलना चाहिए।

Radha Yshi

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