अपनी मोहब्ब्त का नजारा हमे भी दिखाइए,

आज प्यार का इजहार हमसे आप कीजिए,

एक फूल गुलाब का हमे भी दीजिए,

हमसे रुसवाई करने की खता न कीजिए,

मुहब्बत में साथ जीने-मरने की रस्म अदा कीजिए,

हमसे दूर होकर हमे दगा न दीजिए,

अपनी दिल की गहराई में उतरने की इजाजत हमे दीजिए,

अपनी जुल्फो की चादर तले छोटा आसियान हमे दीजिए,

अपने प्रेम-प्रित के समंदर का किनारा हमे बनाइए,

अपनी बिस्तर के सिरहाने तले,

हमारी यादो को बसाईए

इस बेगैरत-सी दुनियाँ में

हमे जिन्दा रखने की वजह बन जाइए।

Shubham Poddar

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