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घरको छोड़ा था तो बेसहारा न थे, तुमको मिलने के बाद बेसहारा हुए। शाम तो अभी ढली भी न थी, अंधेरी रात अभी हुई भी न थी। पढ़े - कैसे सोयेंगे रात भर . . . किस तरह भूखे प्यासे आये हम थे, कितनी बेहरहमी से तू छोड़के जाने लगा। जिसको करनी थी फिकर मेरी, वो खुद अपनी हिफाजत करने लगा।
तुजसे मिले न थे तो बेबस मजलूम न थे, बाद मिलने के तेरे अनाथ हुए हम। तूजे जी जान से चाहते है वो तुजे पता था, मुजे मुसीबत में देख कैसे तू भागा था। पढ़े - ये दुआ है दिल से . . . मेरी कदर तो नहीं की तूने थोड़ी कदर मेरे प्यार की कर लेता। यू तन्हा छोड़के जाने से पहले कुछ तो सोचा होता, मेरी नहीं तो कुछ नहीं प्यार की तो इज्जत रख लेता।
यूँ हमे मरने के लिए छोड़कर न जाता, हमने तो प्यार तुम से ही किया था। तू कैसे अपने पैसो को गिनने लगा, तूने भी वही किया जो सबने किया था। पढ़े - दिल के अहसास . . . तुजसे उमीद थीं प्यार की ओर, तूने तो खून से लथपथ किया। हमने दिल दिया और तुमने सौदा किया, तुझसे अब क्या उमीद करे जब अपनों ने बेहाल किया।