ऐ काफिरो क्यों तुम  बाज़ नहीं आते,
अपनी हैवानियत का क्यों नज़ारा दिखाते।
छुप कर वार करने वाले
कैसी तेरी मर्दानगी,
पढ़े -तू नारी है कमजोर नही
पीठ पीछे वार करना
 क्या यही तेरी फितरत,
राह तू कुकर्म का जल्द ही छोड़ दे।
खड़े हैं जो हिन्द के लिए वो भारत माँ के बच्चे हैं,
शहीदों की शहादत पे त्रिलोक भी थर्राया है।
पढ़े - इजहार हो न पाया
जवानों की क़ुरबानी को ज़ाया नहीं हम जाने देंगे
मौत का नज़ारा हम तुम्हें दिखाएंगे।
पाकिस्तान को समंदर खून का बना देंगे।
अपनी हुंकार से बवंडर आग का फैला देंगे।

  -शुभम पोद्दार

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