गुनाह-ए-इश्क किया है तो निभाना तो पड़ेगा,
यादो में हमें रख कर दिल को मनाना तो पड़ेगा।

प्रेम के समंदर तले
जल-परियों सा सैर करना तो पड़ेगा,
तुम्हें अपनी जीवन की नइया की खवैया,
हमें बनाना तो पड़ेगा।

पढ़े - आज प्यार का इजहार

मोहब्ब्त कर के जो रश्म निभाई हैं,
सात जन्मों तक साथ निभाने का वादा जो हमसे किए हो,
इन वादों को तुम्हें हकीकत बनाना तो पड़ेगा।

पढ़े - मोहब्ब्त तो आज भी

चाँद-तारो का जो ख्वाब दिखाए हो,
उन ख्वाबो को हमारे कदमो में तुम्हे लाना तो पड़ेगा।

जीवन के पन्नों पर,मोहब्ब्त की स्याही से,
एक-दूजे की प्रेम कहानी को लिखना तो पड़ेगा।


Shubham Poddar

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk