आज तुम याद बे-हिसाब आए,
आज खुले आँखों में तेरे ख्वाब आए।
जी चाहता है तेरा दीदार करने को,
पर तुम बस हमारे टूटे ख्वाबों ही रह गए।
पढ़े - मौत का नज़ारा हमे भी
सोचा था तुमसे रूबरू होकर,
नज़्म-ए-इश्क़ बिखेरेंगे,
इश्क़ मोहब्ब्त की गलियों में,
आँख मिचोली खेलेंगे,
पढ़े - माँ मुझे बाँहो में.
हर दुःख दर्द को मिलकर साथ झेलेंगे,
प्रेम की गलियों में हर मोड़ पे मिलेंगे।
अब छोड़ो भी
साथ नहीं मिला जो तेरा,
सारे गम को हम खुद ही झेलेंगे,
इश्क़ के बाजार में
हर रोज बस तेरी यादो संग घूमेंगे।
आज खुले आँखों में तेरे ख्वाब आए।
जी चाहता है तेरा दीदार करने को,
पर तुम बस हमारे टूटे ख्वाबों ही रह गए।
पढ़े - मौत का नज़ारा हमे भी
सोचा था तुमसे रूबरू होकर,
नज़्म-ए-इश्क़ बिखेरेंगे,
इश्क़ मोहब्ब्त की गलियों में,
आँख मिचोली खेलेंगे,
पढ़े - माँ मुझे बाँहो में.
हर दुःख दर्द को मिलकर साथ झेलेंगे,
प्रेम की गलियों में हर मोड़ पे मिलेंगे।
अब छोड़ो भी
साथ नहीं मिला जो तेरा,
सारे गम को हम खुद ही झेलेंगे,
इश्क़ के बाजार में
हर रोज बस तेरी यादो संग घूमेंगे।