मोहब्बत में अब कोई सवाल मत कर
रूठी हूँ तुमसे खड़ा कोई बवाल मत कर ।

तेरे फैसले का है इन्तज़ार हमको भी
एक दिन में ही कोई कमाल मत कर ।

है वक्त तेरे पास बहुत ही कम मेरे दिलबर
झूठे दिलासे देकर कोई काल मत कर

तुझे पाने के सपने देखे हैं मेरे नैन ने भी
तोड़के इस दिल को कोई बदहाल मत कर ।

 सूली चढ़ती वफाएं इस जहां में केवल
मेरे सनम मेरा जीना तुम मुहाल मत कर ।

तुझे अपना मान लिया इसलिए बेचैन
तिन्नगी दे मुझे और कोई हलाल मत कर ।

शर्मा हया से लिपटी जो तेरे आगोश में
हद से ज्यादा अब और लाल मत कर ।

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