किसी से नहीं अब मुलाकात होगी ।
तेरे कदमों में मेरी दिनरात होगी ।

पढ़े - शमां बनके तू अब किधर . . .

रहूं लब की तेरे ही मैं प्यास बनके 
 मोहब्बत की केवल ही बरसात होगी ।


घुली हूँ तेरी साँसों की खुश्बू में गर 
कहां जज्बों की मेरे अब मात होगी ।

पढ़े - मोहब्बत में अब कोई . . .

बना अपनी मुझको सनम तू जरा रे
पता है गैरों की वो औकात होगी ।



Radha Yshi

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