मधुशाला

मिदरालय जाने को घर से चलता हैपीनेवला, 

'िकस पथ से जाऊँ?' असमंजस में हैवह भोलाभाला, 

अलग-अलग पथ बतलाते सब पर मैंयह बतलाता हँू - 

'राह पकड़ तूएक चला चल, पा जाएगा मधुशाला।'। ६।

हरिवंश  राय  बच्चन

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