वक्त से लडकर जो नसीब बदल दे, इंसान वही जो अपनी तकदीर बदल दे, कल क्या होगा कभी ना सोचो, क्या पता कल वक्त खुद अपनी तस्वीर बदल दे…...
सांवली सलोनी प्यारी लड़की थी । जब रात को नितिन बेडरूम में आया तो कमरे से भीनी-भीनी खुशबू आ रही थी । निभा ने आज वही साड़ी पहनी थी जो...
दिव्या को अपने कानों पर यकीन नहीं हुआ सुभाष ने कितना बड़ा धोखा दिया था उसको । ये ज़िंदगी उसे बेकार लगने लगी थी हर कोई पराया नज़र न...
दिव्या के हाथों से बहुत सारा बहता खून देखकर हास्टल की वार्डन निभा बहुत परेशान हो गयी थी । उसके सामने ही सुसाइड नोट पड़ा हुआ था ...