सुकून की चाह

सुकून की चाह में हम ना जाने किस राह पे आ गए, सोचा था उस से कई आगे आ गए। सुकून का तो कोई हिसाब नहीं पर कुछ के मन से उतर  गए। और क...
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बचपने को।।

  बड़ा होना कोई बड़ी बात नहीं होती। बड़ी बात तो वो है कि हम कब तक  जिंदा रखते है अपने अंदर के बचपने को।। : Mansi Gandhi
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अपने आप की खोज

  अपने आप की खोज .... कहाँ जाकर रुकेगी पता नहीं।। बिना मौसम की बारिश होना चाहती हूँ। बिना रास्ते का मुसाफिर होना चाहती हूँ।। कहीं दू...
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कसूर ए जिंदगी

कुछ दिन पहले कभी धुप और कभी बारीश देखते देखते मौसम बदल जाता हैं। दस्तूर ए जिंदगी कुछ ऐसा ही है। कुछ पाना और कभी खोना यही एक बात मसहूर...
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