कुछ दिन पहले कभी धुप और कभी बारीश
देखते देखते मौसम बदल जाता हैं।

दस्तूर ए जिंदगी कुछ ऐसा ही है।
कुछ पाना और कभी खोना

यही एक बात मसहूर है तेरी
गुजरे पल कभी वापस ना आते

यही तों है कसूर ए जिंदगी।।


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