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जब सारा देश सोता है और सुकून की सांस लेता है। तब जगाती है मुंबई और सबके अरमान पूरे करती है। तभी तो इसे भारत की उद्योग राजधानी कहा जाता है।।
वैसे तो किसी के पास यहाँ किसी के लिए वक्त नहीं है। पर जब मुसीबते आती है तो मुंबई वाले एक हो जाते है। और बिन जाने पहचानो की मदद एक दूसरे लोग करते है।।
भारत भरसे लोग मुंबई में आकर। अपने सपनो को साकार करते। मुंबई भी उन्हे पूरा अवसर देती। इसलिए मुंबई उद्योगनगरी कहलाती है।। दिन रात चला करती है मुंबई इसलिए सबको जगह देती है।
सबसे ज्यादा कर संग्रह करके देश के खजाने में पैसा देती है।। कुछ लोग मुंबई को कोसते रहते है और दिन रात गालियाँ देते रहते है। पर फिर उन लोगों का ख्याल रखकर उन्हें निवाला खिलाती है।।
कुछ लोगों की तो जान है मुंबई क्योंकि उन्हें नई पहचान मिली है। क्या थे वो अपने गाँवो में तब अब वो क्या मुंबई में बन गए है।। हर राज्यो के लोग यहाँ पर बसते है देखो मुंबई में।
भाषा राज्य का नहीं यहाँ पर बोल चाल में कोई अंतर। सबके दिलो में बसी है देश की प्यारी ये मुंबई। तभी तो भारत की जान देखो बसती है मुंबई में।।
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