ये परिंदें उड़ान नहीं छोड़ेंगे,
थक जाएंगे आसमान नही छोड़ेंगे।
अपने रब पर गुमान नही छोड़ेंगे,
मरते दम तक दामने ईमान नहीं छोड़ेंगे।

मुफलिसी अलग बात है सुकून तो है,
मुहब्बत में शीरी ज़ुबान नहीं छोड़ेंगे।
तुझसे डर के मकान नहीं छोड़ेंगे,
जान लुटा देंगे हिन्दुस्तान नहीं छोड़ेंगे।

जिस हाल में जीते हैं जीने दो हमको,
मिटा कर ज़ालिम को निशान नहीं छोड़ेंगे।
नफरतों का ब्यान नहीं चलेगा शाहरुख़,
काट डालेंगे जहरीली ज़ुबान नहीं छोड़ेंगे।

Shahrukh Moin

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