Pic Credits - Mahipal Singh Facebook Instagram

बस एक निशान ही तो है।
महज़ सब तूर ख़ाक ही तो है।

वो मेरा है,वो मेरा ही रहेगा!
यह बस उलझी हुई सवाल ही तो है?
यह ज़िन्दगी बस एक कारवा ही तो  है।

हर रोज़ मिलते है नये चहरो से,
मगर उनकी चहरे की तस्वीरे
आँखों मे महफूज़ आज भी तो है।

बेतहाशा तलब थी पाने की उन्हें
यह ख़्वाब महज़  एक ख़्वाब आज भी तो है।

क्या हुआ जो कारवा गुज़र गया?
इन रेतो पर पड़ी छाप खिल-खिला रही आज भी तो है।
मोहब्बत इल्म,शौख महज़ तूर ख़ाक ही तो है।

Radha Mahi Singh

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

इस पोस्ट पर साझा करें

| Designed by Techie Desk