कुछ प्यारी प्यारी सी होती है ख़्वाहिशें . . .

कुछ खट्टी मीठी सी होती है ख़्वाहिशें,

कभी पुरा होके खुब हसाती है ख़्वाहिशें,

तो कभी अंधेरे मे बेठ के रुलती है ख़्वाहिशें,

कभी जीने की वजह बन जाती है ख़्वाहिशें,

तो कभी ख़्वाहिशो की वजह से ही लोग मरते है,

किसी को पाने की ख्वाहिश कभी तोड़ देती है खुद को,

तो कभी टुटे हुए दिलो को भी जोड़ देती है ख़्वाहिशें

Mital Padheriya

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