सावन -भादो मौसम सुहावने . . .

शिव शक्ति महिमा गुण गावे

सुहागिन समर्पण पर्व मनाए
 हरितालिका तीज व्रत सहाए

त्याग निष्ठा आस्था विश्वास
 प्राणप्रिय पति जीवन आधार

न्योछावर सकल जहान सती
 अर्पित संपूर्ण भावना भक्ति

मेहंदी रची हथेलियाँ सजी
 पग में मेहावर खूब रंगी

झुमका पायल बिंदी ललाट
 करके सुहागिन सोलह श्रृंगार

पूजा की थाल मांग सिंदूर लाल
 पी के वय चिरायु दीर्घायू माँगें

सात जन्म संग हो के सहचर
 वरदान न दूजा चाह यही प्रभुवर

अभय दान देना मेरे आंचल
 उपकार तेरा होगा परमेश्वर

 निर्जल व्रर्ती करती अर्चना
युगों करूँ शिव गौरी वंदना

 प्राणनाथ पास हों जब जाऊँ फलक
अखड सभाग्यवती रहँ मृत्यु तलक

Geeta Kumari

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